उदयपुर के सिटी पैलेस के दरबार हॉल एरिया में बीती रात एक पैंथर घुस आने से हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस वे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। दरबार हॉल के आस-पास पर्यटकों व लोगों को जाने से रोक दिया गया है। फोर्ट और पैलेस में पर्यटकों को जाने दिया जा रहा है।
वन विभाग के अनुसार पैंथर की दहाड़ सुनाई दे रही है वह दिख नहीं रहा है। उसकी आवाज के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है कि पैंथर वयस्क है। हो सकता है कि पैंथर समोर बाग की तरफ से घुसा हो। समोर बाग में कई बार तेंदुए का मूवमेंट देखा गया है।
सुबह का समय होने के कारण वहां ज्यादा पर्यटक नहीं थे। उल्लेखनीय है कि सिटी पैलेस को देखने के लिए रोज बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक वहां पहुंचते हैं। दरअसल सिटी पैलेस फॉरेस्ट एरिया के पास ही स्थित है। पैंथर संभवतया पहली बार इस परिसर में आया है।
बांसवाड़ा में बीती रात को किया था हमला
बांसवाड़ा जिले के बोरी गांव में रविवार शाम पैंथर ने चार लोगों पर हमला कर दिया जिसमें दो की हालत गंभीर होने के कारण परतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बांसवाड़ा एमजीएच रैफर किया गया। प्रत्यक्षदर्शी संजय पुत्र लालजी ने बताया कि पैंथर गांव के खेतों में घूम रहा था तभी चार लोग, लालजी पाटीदार, शकील, खातू और एक अन्य युवक कुल्हाड़ी लेकर उसे भगाने के लिए गए।
लालजी पाटीदार के हाथों में कुल्हाड़ी देख पैंथर ने हमला कर दिया। शकील सबसे आगे था, इस कारण पहला हमला उस पर किया और सीधे हाथ की मांस का छोटा टुकड़ा निकाल लिया। लालजी ने तुरंत ही कुल्हाड़ी से हमला किया तो पैंथर ने शकील को छोड़ लालजी पर हमला कर दिया और गिरा दिया। इसके बाद पैंथर ने खातू पुत्र फूगा और राजू पुत्र नानू पर भी हमला किया।
हालांकि बाद में एक-एक कर काफी संख्या में लोग मौके पर दौड़े तो पैंथर भी वहां से भागता हुआ खेत में झाड़ियों के बीच दुबक गया। जिसे लोग दूर से ही पत्थर मारकर निकालने की कोशिशें करते रहे। इस बीच लोगों ने वन विभाग की गढ़ी रेंज में सूचना देकर वनकर्मियों को बुलाया।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि दरअसल पैंथर का आतंक बोरी गांव में पिछले करीब 8 दिनों से बना हुआ है क्योंकि आए दिन एक न एक नील गाय और बकरी का वो रोजाना शिकार करता रहा है, लेकिन स्थानीय किसानों ने देख नहीं पाने के कारण उन्होंने भी ज्यादा गंभीर नहीं माना और विभाग को इत्तला नहीं दी। रविवार को खेतों में कुछ कुत्ते पैंथर का पीछा कर रहे थे तो लोगों की नजर भी पैंथर पर पड़ी। ऐसे में लालजी पाटीदार के हाथों में कुल्हाड़ी थी तो उन्होंने पैंथर के पास जाने की हिम्मत जुटाई, लेकिन पैंथर ने उन पर हमला कर दिया।
डडूका में बाइक सवार पर भी किया था हमला
ग्रामीणों के अनुसार यह पैंथर वही है जिसने 3 दिन पहले डडूका के माकड़तोड़ जंगल में एक नील गाय का शिकार किया था। इसके बाद डडूका से वखतपुरा जाने वाले रास्ते पर एक बाइक सवार भी झपटा मार उसे घायल कर दिया था। लेकिन तभी ग्रामीणों ने पत्थरों और लकड़ी से पैंथर को भगाया था। डडूका और बोरी के बीच दूरी महज 5 से 7 किलोमीटर ही है।